Ajanta Gufa Hindi ,Ajanta Cave Paintings
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Padam pani | Image source by | Google image |
जब एक ब्रिटिश अधिकारी जॉन स्मिथ जो की एक शेर का शिकार कर रहा था इस दौरान ठोकर खाकर एक गुफा में गिर पड़ा जो की विभिन्न आकृतिओं और कलाओ से भरी हुई थी इस प्रकार कई सदियों से छुपा हुआ कला का उत्कृष्ठ खजाना लोगो के सामने आया जो की लोगो के लिए किसी आष्चर्य से काम नहीं था इसकी पथरो पर उकेरी गयी आकृतिया और नाजुक अलंकार को देख कर ये अंदाजा लगाना कठिन लग रहा था की 500 साल पुरानी इन गुफाओ को किस प्रकार काट कर बनाया गया होगा।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थापित ये गुफाये कला का एक अद्भुत खजाना है इनका निर्माण दूसरी तीसरी सताब्दी के असपास माना गया है ये गुफाये एक प्रकार की पूजा करने के स्थान जिसे चैत्य कहा जाता था और रहने के स्थान जिसे विहार कहा गया है ये गुफाये हिन्दू धर्म जैन धर्म और बौद्ध धर्म को समर्पित है।
पथरो को तराश कर बनायीं गयी इस आकृतियों देख कर इन की भव्यता का अंदाज लगाया जा सकता है इन गुफाओ में 250 फिट के चहरे और विषेस प्रकार की पेंटिगे भी शामिल है इनकी दीवारों पर बने भित्ति चित्र और म्यूरल पेंटिंग्स अपनी अलग ही छाप छोड़ती है।
Ajanta Cave
ये गुफाये बुद्ध के जीवन और जातक कहानियो को दर्शाती है जो हरीसेना के निर्देशन में निर्मित किया गया साथ ही, यहां बनायीं गई जातक कथाएं बुद्ध के पिछले जन्मों के बारे में बताती हैं इन गुफाओ में शाही परिवारों के जीवन पर आधारीत कई पेंटिगे शामिल है जैसे एक रानी की होने वाली मृत्यु का चित्रण और हाथियों घोड़ो और बैलो के चित्र भिक्षुओ ,अप्सराओ के चित्र , और अन्य भित्ति चित्र आदि।
गुफा नम्बर 2
गुफा नम्बर 2 जिसमे कुछ छात्रों को विद्या ग्रहण करते हुए दिखया है जो की शिक्षक की बातो को ध्यान से सुन रहे है। इस घाटी के स्थान ने बौद्ध भिक्षुओं के लिए एक शांत और शांत वातावरण प्रदान
किया जो बारिश के मौसम में इन एकांत स्थानों पर रहते और अपने धार्मिक कार्यो को करते थे।
इन 30 गुफाओं
में से 6 गुफाएं बौद्ध धर्म के शुरुआती चरण यानी हीनयान से
संबंधित हैं। गुफाएँ 9 और १० जो चैत्यगृह हैं और,, 12 , 13 और 14 ए जो विहार हैं इनमें से सबसे प्राचीन गुफा 10 है जो ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी की है, जहाँ पूजा की वस्तु एक स्तूप है जहा टेम्परा तकनीक का प्रयोग मूर्ति कला में किया गया है।
अजंता पेंटिंग टेंपरा तकनीक का सबसे अच्छा उदाहरण हैं, जिसे रॉक सतह की विस्तृत तैयारी के बाद बनाया किया गया है। चट्टान की सतह को चिकना करने के बाद, मिट्टी की अलग-अलग परतों को मिट्टी, के साथ सतह को कार्बनिक सामग्री के साथ मिश्रित किया गया , फिर सतह को अंत में लाइम वॉश के एक पतले कोट के साथ निर्मित किया गया उसके बाद सुखने पर कई प्रकार के खनिजों के जरिये पेंटिगे बनायीं जाती थी लाल ,पिले कलर से लेकर चुने जिप्सम गोबर आदि जैसे पदार्थो का प्रयोग किया जाता था।
लेकिन इनमे भी सबसे महत्वपूर्ण सामग्री एक प्रकार की गोंद थी जो की रंगो क बांधे रखती थी जो आज भी अपना काम कर रही है।
गुफा नंबर 1 जिसकी दीवारे विभिन्न प्रकार की आकृतियों जिनमे फूल लताये शामिल की गयी है इसकी दीवारे मुख्य रूप से जातक कथाओ से सजी हुई है जातक कथाये बुद्ध के जीवन और उनके पुर्नर जन्म की कथाओ से सम्बन्धित है।
कला विन्यास Ajanta Cave
गुफा लम्बर २ जो की अजंता की उत्कृष्ट गुफाओ में से एक है इन गुफाओ में भगवान बुद्ध को आकाश की अप्सराओ और बोधिसत्व के साथ दिखया गया है छतो और दीवारों पर बने ये चित्र आज भी अपनी चमक बनाये हुए है,इन गुफाओ के चित्रों में लकिरो को बड़े ही सटीकता और स्पष्ठता से खींचा गया है इन चित्रों में सजीवता और वास्तविकता को आसानी से देखा जा सकता है अलंकार फूल लताये बेल बुटे अप्सराये अपनी ही शैली में चित्रित किये गए है। पद्मपाणि और बोधिसत्व के चित्र लोकप्रिय चित्र है।
Buddha face | Image source by | Google image |
गुफा नंबर 16 इस गुफा में एक शवदाह गृह है और शेर मुद्रा ,और भगवान बुद्ध, उपदेश मुद्रा में हैं। पूरी छत पर झूलते शमियाना की छाप दिखाई देती है। इसमें
राजकुमारी की मृत्यु का चित्र असिता
की भविष्यवाणी का चित्र , नंदा का रूपांतरण, माया का सपना का चमत्कार
और सुजाता की खीर जो की भगवान बुद्ध द्वारा ज्ञान प्राप्ति के दौरान खयी गयी थी की पेशकश जैसे चित्रों की उत्कृष्ट कृतियाँ हैं। यहाँ के कुछ अन्य चित्र भी उत्कीर्ण हैं।
पूरी छत पर झूलते शमियाना की छाप दिखाई देती है।भारतीय संस्कृति के इतिहास के लिए अजंता दूसरी ईसा
पूर्व से चौथी ईस्वी के बौद्ध मठों में भित्ति चित्र कला और संस्कृति को प्रभावित किया। इस समय भारत में स्वर्णिम युग एक महान सांस्कृतिक विकास हुआ जो विशेष रूप से महान गुप्त वंश के साथ
जुड़ा हुआ है और यह 5 वीं और
6 वीं शताब्दी में
गुप्त रूप से गिरावट के साथ धीरे-धीरे खो गया।
बोध भिक्षु
तीसरी और चौथी सताब्दी में चट्टानों को काट कार बौद्ध भक्षुओ के रहने के स्थान बनाए जाने का विचार सर्वप्रथम वाकाटक के द्वारा लया गया उस दौरान वाकाटक के साम्राज्य में आने वाले भिक्षुओ और उनके रहने के स्थान की समस्या को हल करने के लिये गुफाओ के निर्माण और उन्हें बनाने के लिये स्थान का सर्वेक्षण भी किया गया होगा गुफा 19 जो की बौद्ध धर्म की शाखा हीनयान को समर्पित है ,गुफा 20 एक व्यक्ती अश्माका को समर्पित हैजो की वाकाटक के सामंत थे।
कई सताब्दिया गुजरने के बाद और मौसम की मार पड़ने के बाद अजंता की कई कृतियाँ नस्ट हो चुकी है लेकि बहुत सी आज भी अपनी पुरातन अवस्था में खड़ी है जो की कारीगरो के द्वारा किये गए विशेष काम को दर्शाती है।
युनेस्को द्वारा अजंता गुफाओ को 1983 में विश्व धरोहर के रूप में शामिल किया गया जिसके बाद इन गुफाओ का महत्त्व और भी बढ़ गया है।
लाखो सैलानी इन गुफाओ की कलाकृतियों को निहारने सम्पूर्ण विश्व से यहाँ आते है यह भारत की कला को सम्पूर्ण विश्व में अपनी पहचान बनाने में मदद करता है उत्खनन कर्ताओ के द्वारा खराब या नस्ट हो चुकी कलाकृतियों को फिर से सवारा गया है जीसके लिए कड़ी मेहनत की गयी।
गुफा 26 Ajanta Cave
इन गुफाओ में कई प्रकार की गुफाए अपने आप में एक विषेस स्थान रखती है जैसे गुफा नम्बर 26 जो की बौद्ध भिक्षु बुधव्रत हो समर्पित है , गुफा नम्बर 19 जो की उपेंद्रगुप्ता को समर्पित है जो की पूजा और धार्मिक कार्यो के लिए बनायीं गयी थी लेकिन इस गुफा का प्रयोग शायद इस कार्य के लिए कभी भी नहीं किया गया इसका कारण उस समय में होने वाले युद्धों से लगाया गया है जिसके कारन कार्यो में बाधा आती रही होगी।
इन पेंटिंग्स को बनाने में फ्रेस्को टेक्निक का प्रयोग किया गया जिसमे चावल के बुरादे गाय के गोबर का प्रयोग किया जाता था।
इसमें किसी दीवार को साफ करके उस पर गोबर का लेप चढ़ाया जाता था फिर इसके सूखने के बाद इस पर चावल का लेप चढ़ाया जाता और इसे सूखने दिया जाता और इसके बाद नेचुरल रंगो के प्रयोग से चित्रों को बनाया जाता था इन पेंटिंगों में डिटेलिंग का काफी ध्यान रखा गया है।
कलाकार Ajanta Cave
Ajanta Cave
Global Organization of Oriented Group Language of Earth,
Google शब्द "गूगोल" से व्युत्पन्न गणितीय शब्द से लिया गया है। गूगोल का मतलब 100 जीरो वाला 1 होता है और जब भी आप गूगल सर्च इंजन पर कोई क्वेरी सर्च करते हैं तो Gooooooooooogle टाइप करना नीचे आ जाता है।
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Ajanta Cave
दशको मेहनत करने के बाद गुफाओ को काटने वाले मजूरों द्वारा काफी अनुभव प्राप्त किया गया जो बाद की गुफाओ को बनाने में प्रयोग किया गया जिससे उन्हें आसनी और प्रयोगो को आगे बढ़ने में मदद की होगी लेकिन सबसे बड़ा आश्चर्य इस बात का है की उस युग में आधुनिक मशीनो के नहीं होते हुए भी किस प्रकार की तकनीक का प्रयोग किया होगा जिनसे उन्होंने पत्थर की बड़ी बड़ी चट्टानों को काटा सम्भवः हुआ।
इन गुफाओ को बनाने में कई दसक और मजदूरों की कड़ी मेहनत और दूरदर्शिता का अतुलनीय योगदान है।वाकाटक के समय में किये गए काम और उसके भिन्नता को देखते हुए लगता है की कम से कम कई दर्जनों मजूरों द्वारा अपने काम को अंजाम दिया गया होगा। Ajanta Cave
Cave 26 Pillars | Image source by | Google image |
इन गुफाओ में कई प्रकार की गुफाए अपने आप में एक विषेस स्थान रखती है जैसे गुफा नम्बर 26 जो की बौद्ध भिक्षु बुधव्रत हो समर्पित है , गुफा नम्बर 19 जो की उपेंद्रगुप्ता को समर्पित है जो की पूजा और धार्मिक कार्यो के लिए बनायीं गयी थी लेकिन इस गुफा का प्रयोग शायद इस कार्य के लिए कभी भी नहीं किया गया इसका कारण उस समय में होने वाले युद्धों से लगाया गया है जिसके कारन कार्यो में बाधा आती रही होगी।
गुफा नंबर 26 जो की सभी गुफाओ में विशेष स्थान रखती है , इस गुफा में बड़े पिलरो का निर्माण कराया गया है जो की काफी भव्य है और अलंकारों से सजाए गए है इनमे कई प्रकार के भित्ति चित्र अलंकारों का प्रयोग किया गया है ये वास्तव में एक गैलरी नुमा भवन को प्रदर्शित करता है। Ajanta Cave
Ajanta Chitrakala | Image source by | Google image |
कला तकनीक Ajanta Cave
अजंता गुफाओ की अन्य विशेषता इनकी पेंटिग है जिन्हे म्यूरल पेंटिंग कहा गया है ये पेंटिंग्स बड़े स्तर पर और बड़ी दीवारों पर बनायीं जाने वाली पेंटिंग्स है ये पेंटिंग्स हिंन्दू जैन और बौद्ध तीनो धर्मो के लिए बनयी गयी थीइन पेंटिंग्स को बनाने में फ्रेस्को टेक्निक का प्रयोग किया गया जिसमे चावल के बुरादे गाय के गोबर का प्रयोग किया जाता था।
इसमें किसी दीवार को साफ करके उस पर गोबर का लेप चढ़ाया जाता था फिर इसके सूखने के बाद इस पर चावल का लेप चढ़ाया जाता और इसे सूखने दिया जाता और इसके बाद नेचुरल रंगो के प्रयोग से चित्रों को बनाया जाता था इन पेंटिंगों में डिटेलिंग का काफी ध्यान रखा गया है।
Sculpture Art Ajanta | Image source by | Google image |
अजंता के चित्रकारों को रंगों के सम्मिश्रण की एक उच्च विकसित भावना द्वारा निर्देशित किया गया था, जो लाइन को सही परिप्रेक्ष्य देने वाले तीन आयामी प्रभावों के साथ कुल प्रभाव पैदा करने के लिए था। इसके अलावा, चित्रकला को तीन आयामी प्रभाव देने की तकनीक भारत में पहली बार तीसरी चौथी शताब्दी में अजंता के गुफा चित्रों में पेश की गई थी। चित्र 2 में तीन आयामी प्रभाव दिखाने वाले अजंता के कुछ चित्रों को दिखाया गया है।
इस तकनीक को बाद में एशियाई क्षेत्र में अन्य कलाकार द्वारा कॉपी किया गया था।
जो भी हो अजंता गुफा का कला विन्यास मूर्ति कला रंग संयोजन कलालेख अद्भुत और आस्चर्यचकित कर देने वाला यही सभी को अपने जीवनकाल में एकबार इस स्थान को अवश्य देखना चाहिए।
Buddha Mudra | Image source by | Google image |
अजंता गुफाओ के बारे में पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न
अजंता की गुफाये कहा स्थित है
अजंता की गुफाये भारत के महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद शहर में स्थित है चट्टानों से निर्मित ये गुफाये चट्टानों को काट काट कर बनायीं गयी है चट्टानों को इतनी गहराई से किस प्रकार काटा गया है ये एक रहस्य है चुकी उस दौरान आधुनिक मशीने नहीं थी और न ही उन्नत तकनीक इन बड़ी बड़ी चट्टानों को काटने के लिए किस तकनीक का प्रयोग किया गया इसके बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सका है।
अजंता की गुफाओ को किसके द्वारा बनाया गया
ये कहा जाता है की अजंता की दूसरे चरण की गुफाओ का निर्माण वाकाटक वंश के राजा हरिसेन के द्वारा कराया गया था , कुछ विद्वानों का मत है की इन गुफाओ को बनाने में सातवाहन वंश का सहयोग भी है लेकिन ये पूरी तरह इ प्रमाणित नहीं किय जा सका है केवल कार्बन डेटिंड के द्वार ही ये अनुमान लगाया गया है।
अजंता गुफाओ की प्रसिद्धि का कारण
कुछ लोगो के मन में ये भी आता है की अजंता केव्स की प्रसिद्धि का कारन क्या है तो आप को बतादें की ये एक यूनेस्को हेरिटेज (UNESCO HERITAGE)साईट है और ये बुद्दिश धर्म से जुडी होने के कारन भी लोकप्रिय साईट है यूनस्को हेरिटेज साईट होने के कारन ये एक अंतरराष्ट्रीय स्तर को दर्शाती है और एक अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त साईट भी है हर साल हजारो सैलानी इसको देखने के लिया लम्बी दुरी की यात्रा तय करते है।
अजंता और एलोरा की गुफाओ में कौन सी गुफा ज्यादा बेहतर है।
ये कहा जाना काफी मुश्किल है की कौन सी गुफा ज्यादा बेहतर है क्योकि जहा अजंता की बात की जाय तो अजंता अपनी बेहतरीन पेंटिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध है इन गुफाओ में मुरल पेंटिंग और भित्ति चित्र भी बनाये गए है जो अपने आप में कला का बेजोड़ नमूना है और काफी बारीकी से गढ़ी गयी है ,वही अगर एलोरा की बात को जाये तो ये एक प्रकार की मूर्ति कला और शिल्प की बेहतरीन कारीगिरी है।
ऐसे लोग चित्रकला में विशेष रूचि रखते है उन्हें अजंता की चित्रकला जरूर पसंद आएगी वही मूर्ति कला में रूचि रखने वालो को एलोरा गुफा में पत्थर से गड़े गए खूबसूरत शिल्प जरूर पसंद आएंगे वास्तव में दोनों ही कला का बेजोड़ नामुना है ,मुग़ल कालीन बीबी का मकबरा भी यहाँ एक प्रसिद्द स्मारक है।
अजंता गुफाये किस आकर में बनी है
ज्यादतर लोगो का ये भी सवाल होता है अजंता की गुफाये किस आकर में बनी है ,ज्यादातर लोग ये ही सोंचते होंगे की ये गुफाये शायद गोलाकर ,वर्गाकार,चैकोर जैसी ज्यामितीय आकृति में बानी होगी मगर आपको बता दे की अजंता की गुफाये इनमे से किसी भी आकृति में नहीं बानी हुयी है ,वास्तव में गुफाये घोड़े की नाल के आकार में बनी हुयी है
अजंता नाम का क्या अर्थ होता है
अजंता नाम का अर्थ है पुरुष बालक (Male Child) वास्तव में इस प्रकार के नाम का प्रयोग गुजरात से लेकर दक्षिणी राज्यों में अधिक मात्रा में किया जाता है।
अजंता और एलोरा कि गुफाओ में कौन सी गुफा ज्यादा पुरानी
अजंता की गुफा एलोरा की तुलना में ज्यादा पुरानी है और 30 गुफाओ का लगभग जाल सा बनती है ये अपनी रॉककट रचनाओं के लिए महशूर विश्व की प्राचीनतम गुफाओ में स्थान रखती है,ये विश्व प्रसिद्द गुफाये कला का अद्भुत नमूना है इस कला को निहारने के लिए लाखो लोग हर साल खींचे चले आते है।
अजंता एलोरा की गुफाओ का संरक्षण
सैंकड़ो सालो से अपने दम पर खड़ी ये गुफाये लोगो को अपनी ओर बुलाती है लेकिन समय की मार और मौसम के थपेड़ो ने इन गुफाओ में भी दरारे पैदा कर दी है जिनका संरक्षण किया जाना लाज़मी है ,नहीं तो ये भी वक्त की मार के साथ ओझल हो जाएगी।
भारत सरकार ,यूनेस्को UNESCO (UNITED NATIONS EDUCATIONAL SCIENTIFIC AND CULTURAL ORGANISATION) , भारतीय पुरातत्व विभाग (ARCHAEOLOGICAL SURVEY OF INDIA)
संस्थाए इनके संरक्षण का कार्य करती है।
अजंता की गुफाओ में किस प्रकार के रंगो का प्रयोग किया गया है
अजंता को की गुफाओ में विभिन्न प्रकार के रंगो का प्रयोग किया गया है जैसे लाल, पिले ,भूरे ,काले ,सफ़ेद रंग लेकिन ये सभी रंग खनिजों और प्रकृति से प्राप्त किये गए है इस प्रकार के रंग मध्य भारत और फारस से आयात किये जाते थे कई रंगो को आपस में मिला कर तैयार किया जाता था इस प्रकार नयी रंगते बनायीं जाती थी।
औरंगाबाद का प्राचीन नाम क्या है
अहमद नगर के सुल्तान मुर्तज़ा निजामशाह द्वितीय के प्रधान मंत्री ने खड़की नामक गांव को अपनी राजधानी बनाया जो बाद में जाकर एक बड़े शहर में बदल गया और औरंगाबाद शहर कहलाया।
कई राजा महाराजा आये जिन्होंने अपनी सुविधा के लिए महल किले गुफाओ में चित्रकला आदि का निर्माण कराया अपने इतिहास को संजोने के लिए कला और संस्कृति को विषेश महत्त्व दिया इस कला और संस्कृति ने ही आगे चलकर औरंगाबाद की प्रसिद्दि को नया मुकाम दिया।
# What is full form of Google
कुछ लीगो द्वारा पूछा जाता है की गूगल की फुल फॉर्म क्या है तो यह है गूगल की फुल फॉर्मGlobal Organization of Oriented Group Language of Earth,
Google शब्द "गूगोल" से व्युत्पन्न गणितीय शब्द से लिया गया है। गूगोल का मतलब 100 जीरो वाला 1 होता है और जब भी आप गूगल सर्च इंजन पर कोई क्वेरी सर्च करते हैं तो Gooooooooooogle टाइप करना नीचे आ जाता है।
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Ajanta Gufa hindi ,Ajanta Cave Paintings
Reviewed by Easenex
on
मार्च 22, 2020
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